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जीएसटी काउंसिल की बैठक 2024: ₹2000 तक के पेमेंट्स पर 18% टैक्स का असर।

जीएसटी काउंसिल की बैठक 2024: ₹2000 तक के पेमेंट्स पर 18% टैक्स का असर।

जीएसटी काउंसिल की बैठक 2024: ₹2000 तक के पेमेंट्स पर 18% टैक्स का असर।

नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है www.akhbarwalla.com पर, जहां हम आपके लिए लाते हैं ताज़ा और महत्वपूर्ण खबरें। आज की खास रिपोर्ट में हम चर्चा करेंगे जीएसटी काउंसिल की हाल की बैठक में एक बड़ी घोषणा की गई है, जिससे व्यापारियों और पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों में हलचल मच गई है। इसके मुताबिक, ₹2000000 तक के डिजिटल पेमेंट्स पर भी अब जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) लग सकता है। यह बदलाव जीएसटी फिटमेंट पैनल की सिफारिशों के आधार पर हुआ है, जिन्होंने कहा है कि पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों को बैंकों की तरह नहीं माना जा सकता।

पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों पर असर

अभी पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां व्यापारियों से हर लेनदेन पर 0.5% से लेकर 1% तक का शुल्क लेती हैं। अगर जीएसटी लागू होता है, तो यह अतिरिक्त खर्च व्यापारियों को उठाना पड़ेगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी कारोबारी को ₹10 के शुल्क के साथ ₹1 के पेमेंट पर जीएसटी के तहत 18% टैक्स देना होगा, तो उसे कुल मिलाकर ₹11.80 देना पड़ेगा, जिससे उनकी लागत बढ़ जाएगी।

डिजिटल पेमेंट्स का बढ़ता चलन

आजकल यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय तरीका बन चुका है। वित्तीय वर्ष 2024 में यूपीआई ट्रांजैक्शंस में सालाना 57% की बढ़त हुई है, और यह आंकड़ा 131 अरब के पार पहुंच चुका है। डिजिटल पेमेंट्स में यूपीआई की हिस्सेदारी अब 80% से ज्यादा हो गई है।

जीएसटी का यूपीआई पेमेंट्स पर असर

ध्यान देने वाली बात यह है कि जीएसटी सिर्फ डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए किए गए डिजिटल ट्रांजैक्शंस पर लागू होता है। यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नहीं लगता है, इसलिए इन पर जीएसटी लगने का कोई खास असर नहीं होगा।

जीएसटी काउंसिल की इस नई नीति से पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों और व्यापारियों दोनों के लिए नया वित्तीय माहौल बन सकता है। इससे व्यापारियों को अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ सकता है, जबकि डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में यूपीआई की लोकप्रियता बनी रहेगी। इस बदलाव के असर को लेकर अभी और जानकारी की जरूरत है, लेकिन यह साफ है कि आने वाले दिनों में व्यापारिक लेनदेन की प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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Frequently Asked Questions (FAQ)

1. जीएसटी काउंसिल की हाल की बैठक में कौन सा बड़ा निर्णय लिया गया है?

जीएसटी काउंसिल की हाल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि ₹2000000 तक के डिजिटल पेमेंट्स पर भी 18% जीएसटी लागू होगा।

2. पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों पर जीएसटी लागू होने का व्यापारियों पर क्या असर होगा?

अगर जीएसटी लागू होता है, तो पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां अपने लेनदेन शुल्क पर अतिरिक्त 18% टैक्स जोड़ सकती हैं, जिससे व्यापारियों की लागत बढ़ जाएगी।

3. यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी का असर क्या होगा?

यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी लागू नहीं होगा क्योंकि इन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नहीं लगता है।

4. जीएसटी का लागू होने से डिजिटल पेमेंट्स की लागत में कितना इजाफा हो सकता है?

अगर जीएसटी लागू होता है, तो उदाहरण के लिए, ₹10 के शुल्क पर ₹1 के पेमेंट के लिए कुल लागत ₹11.80 हो जाएगी।

5. जीएसटी का नया नियम कब से लागू होगा?

जीएसटी के नए नियम के लागू होने की तारीख का अभी तक आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं हुआ है। इसके लिए सरकार की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।

6. क्या सभी डिजिटल ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लागू होगा?

जीएसटी केवल डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए किए गए डिजिटल ट्रांजैक्शंस पर लागू होगा, यूपीआई पेमेंट्स पर नहीं।

7. जीएसटी फिटमेंट पैनल ने यह निर्णय क्यों लिया?

जीएसटी फिटमेंट पैनल ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों को बैंकों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता और इन्हें टैक्स के दायरे में लाना जरूरी था।

8. पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों की भूमिका क्या होती है?

पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां व्यापारियों के लिए डिजिटल लेनदेन की सुविधा प्रदान करती हैं और लेनदेन पर एक छोटा शुल्क लेती हैं।

9. क्या छोटे व्यापारियों पर भी जीएसटी का यही असर होगा?

जी हां, छोटे व्यापारियों पर भी जीएसटी का यही असर होगा, जिससे उनकी लागत बढ़ सकती है, खासकर उन पर जो ₹2000000 तक के लेनदेन करते हैं।

10. जीएसटी लागू होने के बाद क्या व्यापारी कोई राहत प्राप्त कर सकते हैं?

जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारी किसी तरह की राहत प्राप्त कर सकते हैं, इसके लिए सरकार की ओर से कोई नई योजना या छूट का ऐलान किया जा सकता है। इसके लिए व्यापारी समय-समय पर अपडेट्स का ध्यान रखें।

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