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धनतेरस 2024: जाने खरीदारी का शुभ मुहूर्त,परहेज।

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धनतेरस 2024:भूल कर भी ना करें 5 गलतियां।

29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाने वाला धनतेरस, दीपावली के पर्व की शुरुआत करता है। इस दिन को धन्वंतरी जयंती के रूप में भी जाना जाता है, जब भगवान धन्वंतरी, जो आयुर्वेद के देवता हैं, का अवतरण हुआ था। इस दिन विशेष पूजा अर्चना के साथ-साथ नए बर्तन, आभूषण और अन्य वस्तुओं की खरीदारी करने का महत्व है। धनतेरस पर कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

 

धनतेरस पर कुबेर की पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन केवल कुबेर ही नहीं, बल्कि धन्वंतरी की पूजा भी अत्यंत आवश्यक है। धन्वंतरी की उपासना से ना केवल धन का वास होता है, बल्कि स्वास्थ्य का भी वरदान प्राप्त होता है। इस दिन आप अपने घर में दीप जलाकर और शुभ वस्तुएं रखकर मां लक्ष्मी का स्वागत कर सकते हैं।

 

धनतेरस के दिन सोने-चांदी, पीतल या स्टील के बर्तन खरीदने की परंपरा है। हालांकि, इस दिन लोहा, प्लास्टिक या काले रंग की चीजों की खरीदारी से बचना चाहिए। इसके अलावा, नई झाड़ खरीदने का चलन है, लेकिन पुरानी झाड़ को बिना देखे फेंकना गलत होगा। इसे दक्षिण-पश्चिम दिशा में संभालकर रखना चाहिए और निशीथ काल में घर से बाहर रखते समय हाथ जोड़कर रखना चाहिए।

 

 

इस दिन तामसिक चीजों का सेवन जैसे लहसुन-प्याज़, मांस-मदिरा आदि से बचना चाहिए। इस दिन का मुख्य उद्देश्य सकारात्मकता और शुभता को बढ़ावा देना है, इसलिए इनसे दूरी बनाना महत्वपूर्ण है।

 

यदि आप धनतेरस पर कोई बर्तन खरीदने जा रहे हैं, तो उसे घर में खाली न लेकर आएं। इसमें जल या कोई मीठी सामग्री डालकर लाना शुभ माना जाता है। यह मान्यता है कि ऐसा करने से घर में धन और समृद्धि का वास होता है।

 

इस वर्ष धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:31 बजे से रात 08:13 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, यम दीपम का मुहूर्त शाम 05:38 बजे से शाम 06:55 बजे तक है। ये समय मां लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

वाहन और सोने-चांदी की खरीदारी के मुहूर्त

 

सुबह 09:18 बजे से 10:41 बजे तक

 

10:41 बजे से 12:05 बजे तक

 

12:05 बजे से 01:28 बजे तक

 

रात 07:15 बजे से 08:51 बजे तक

 

29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से 30 अक्टूबर को 6:32 बजे तक

 

शाम 06:31 बजे से 08:13 बजे तक

 

शाम 5:38 बजे से 6:55 बजे तक

 

 

धनतेरस पर विशेष ध्यान देने योग्य है त्रिपुष्कर योग, जो 29 अक्टूबर को सुबह 6:31 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 10:31 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त 29 अक्टूबर को सुबह 11:42 बजे से 12:27 बजे तक है, जो खरीदारी के लिए बेहद शुभ है।

धनतेरस का महत्व केवल धन की प्राप्ति तक सीमित नहीं है। यह स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और घर में सकारात्मकता लाने का दिन भी है। इस दिन की गई पूजा और खरीदारी से जीवन में खुशियों का संचार होता है। भारतीय संस्कृति में इस दिन का विशेष स्थान है, और इसे धूमधाम से मनाया जाता है।

इस धनतेरस पर सभी भक्तों से निवेदन है कि वे उपरोक्त बातों का ध्यान रखें और अपनी पूजा को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें। धनतेरस का यह पर्व आपके जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशियाँ लेकर आए। अपने परिवार के साथ मिलकर इस दिन को खास बनाएं और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें।

 

हमारी तरफ से धनतेरस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ!



धनतेरस: समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक

 

धनतेरस का पर्व न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। इस दिन भगवान धन्वंतरी का अवतरण हुआ था, जिन्होंने मानवता को आयुर्वेद का ज्ञान दिया। उनका आशीर्वाद स्वास्थ्य और दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस पर लोग अपने घरों में स्वर्ण और रजत की वस्तुओं की खरीदारी करते हैं, जिससे लक्ष्मी और कुबेर का स्वागत किया जा सके। इस दिन विशेष रूप से नए बर्तन, आभूषण और वस्त्र खरीदे जाते हैं, जो समृद्धि का संकेत होते हैं।

 

धनतेरस पर परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर पूजा करते हैं, जिससे न केवल आध्यात्मिकता का अनुभव होता है, बल्कि परिवार में एकता और सद्भावना भी बढ़ती है। घर में लक्ष्मी पूजन करते समय दीयों की रोशनी और शुभ वस्तुओं की सजावट से वातावरण में सकारात्मकता का संचार होता है। कई लोग इस दिन अपने पुराने बर्तनों को न फेंकने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह मान्यता है कि इससे लक्ष्मी माता नाराज हो जाती हैं।

 

इस दिन को विशेष बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं, जो परिवार के सदस्यों को एक साथ लाते हैं। लोग एक-दूसरे को उपहार देकर और शुभकामनाएँ देकर प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा, धनतेरस पर लोग अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं और स्वास्थ्य संबंधी वस्तुओं की भी खरीदारी करते हैं, ताकि एक समृद्ध और स्वस्थ जीवन का आनंद लिया जा सके। इस प्रकार, धनतेरस का पर्व केवल धन की पूजा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवार के सामंजस्य का एक अनूठा उत्सव है।

 

इस दिन की विशेषता है कि यह न केवल धन की अपार संभावनाओं को दर्शाता है, बल्कि इसे मनाने के पीछे गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर भी है। इस तरह, धनतेरस का पर्व हमारे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि का संचार करता है।


धनतेरस: एक अनूठा पर्व

 

धनतेरस का पर्व हर साल एक विशेष महत्त्व रखता है, जहाँ लोग न केवल धन और समृद्धि की कामना करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य और परिवार के साथ सामंजस्य का भी जश्न मनाते हैं। इस दिन की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, और खरीदारी की परंपराएं इसे हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान देती हैं। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि धन से अधिक महत्वपूर्ण है हमारे परिवार का स्वास्थ्य और एकता।


धनतेरस से जुड़े दिलचस्प तथ्य

 

1. धन्वंतरी की पूजा: भगवान धन्वंतरी, जो औषधियों के देवता हैं, का पूजन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है।

 

2. दीपावली की शुरुआत: धनतेरस दीपावली के पर्व की शुरुआत करता है, जो चार दिनों तक चलता है।

 

3. धातु की खरीदारी: इस दिन सोने, चांदी और पीतल की खरीदारी शुभ मानी जाती है।

 

4. तामसिक वस्तुओं का त्याग: इस दिन तामसिक वस्तुओं का सेवन न करना शुभ समझा जाता है।

 



प्रश्नोत्तरी

 

1. धनतेरस कब मनाया जाता है?

उत्तर: धनतेरस हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

 

2. इस दिन कौन-कौन सी वस्तुएं खरीदना चाहिए?

उत्तर: सोने, चांदी, पीतल और स्टील के बर्तन खरीदना चाहिए।

 

3. धनतेरस पर किसकी पूजा करनी चाहिए?

उत्तर: कुबेर और धन्वंतरी की पूजा करनी चाहिए।

 

4. इस दिन कौन सी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए?

उत्तर: लोहा, प्लास्टिक और काले रंग की वस्तुओं की खरीदारी से बचना चाहिए।

 

5. धनतेरस पर क्या खाना चाहिए?

उत्तर: तामसिक वस्तुओं जैसे लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

6. धनतेरस पर बर्तन कैसे लाना चाहिए?

उत्तर: बर्तन को खाली नहीं लाना चाहिए, उसमें जल या मीठी सामग्री रखकर लाना चाहिए।

 

7. इस दिन का शुभ मुहूर्त क्या है?

उत्तर: पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:31 बजे से रात 08:13 बजे तक है।

 

8. धनतेरस पर वाहन खरीदने के लिए शुभ समय क्या है?

उत्तर: सुबह 09:18 बजे से सुबह 10:41 बजे तक।

 

9. धनतेरस पर कौन सा योग शुभ माना जाता है?

उत्तर: त्रिपुष्कर योग, जो 29 अक्टूबर को सुबह 6:31 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 10:31 बजे तक रहता है।

 

10. धनतेरस का पर्व हमारे लिए क्या महत्व रखता है?

 

उत्तर: यह पर्व हमें स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवार की एकता का महत्व सिखाता है।

 

अख़बारवाले की ओर से धनतेरस पर सभी को शुभकामनाएँ! इस दिन को खुशी और समृद्धि के साथ मनाएं।

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