रायपुर में नौकरी के नाम पर ठगी: एक बड़ा धोखाधड़ी मामला सामने आया।
रायपुर में हाल ही में सामने आई एक बड़ी ठगी की खबर ने सबको चौंका दिया है। नौकरी के नाम पर लोगों से लाखों रुपये ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसकी जानकारी हम आपको आज की रिपोर्ट में बताने जा रहे है। इस रिपोर्ट ने कई पीड़ितों को जागरूक किया और उन्होंने थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। जानिए इस धोखाधड़ी के पीछे के सच और किस तरह से लोगों को ठगा गया।
रायपुर में नौकरी के नाम पर ठगी:
रायपुर में हाल ही में एक गंभीर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें नौकरी के नाम पर लोगों से भारी रकम ठगी गई है।जिसके बाद पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई:
रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने इस मामले में दिलीप वर्मा, रुद्र सेन, और योगेश साहू के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोपियों ने सरकारी विभागों, जैसे कि जिला कोर्ट, आरटीओ, इनकम टैक्स, और मंत्रालय के नाम पर फर्जी कागजात तैयार किए। इसके माध्यम से उन्होंने लोगों को जॉइनिंग लेटर दिए और एक-एक पद के लिए 20 लाख रुपये तक का सौदा किया। एडवांस के तौर पर उन्होंने 6 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक की रकम ली और बाद में मोबाइल बंद कर दिया।
ठगी का तरीका और पीड़ितों की संख्या:
आरोपियों ने नौकरी देने के नाम पर लोगों को झांसा दिया और फर्जी कागजात के माध्यम से जॉइनिंग लेटर दिए। इन जॉइनिंग लेटर्स के आधार पर पीड़ितों ने भारी रकम दी, लेकिन नौकरी नहीं मिली। अब यह बात सामने आ रही है कि ठगी का शिकार और भी कई लोग हो सकते हैं और पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
सार्वजनिक शिकायत और पुलिस की भूमिका:
लोगो को जैसे ही इसकी जानकारी मिली कई लोग टिकरापारा थाना पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इनमें से कुछ का कहना है कि आरोपी रुद्र सेन एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हुआ है और सार्वजनिक कार्यक्रमों में दिखाई देता है, जबकि पुलिस उसे फरार बता रही है।
परीक्षा और सबक:
यह मामला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो सरकारी नौकरी पाने के लिए पैसे देने की सोचते हैं। यह ठगी का मामला यह दिखाता है कि ऐसे लोग जो परीक्षा या इंटरव्यू के बिना नौकरी पाना चाहते हैं, वे आसानी से ठगों का शिकार बन सकते हैं।
हमारी अपील है कि लोग इस तरह के ठगों से सतर्क रहें और किसी भी नौकरी के प्रस्ताव के मामले में पूरी जांच-पड़ताल करें। इस मामले की जांच जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी पकड़े जाएंगे और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
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FAQ Section
- यह नौकरी के नाम पर ठगी का मामला कब सामने आया?
- यह मामला हाल ही में सामने आया, जब आईबीसी 24 ने इस धोखाधड़ी की रिपोर्ट प्रसारित की। इसके बाद बड़ी संख्या में पीड़ित थानों पर पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई।
- आरोपियों के नाम क्या हैं और उन्होंने किस-किस विभाग के नाम पर ठगी की?
- आरोपियों के नाम दिलीप वर्मा, रुद्र सेन, और योगेश साहू हैं। इन्होंने जिला कोर्ट, आरटीओ, इनकम टैक्स, और मंत्रालय के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और लोगों को ठगा।
- आरोपियों ने कितनी रकम ठगी की और किस प्रकार से?
- आरोपियों ने एक-एक पद के लिए 20 लाख रुपये तक का सौदा किया और एडवांस के तौर पर 6 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक की रकम ली। इसके बाद उन्होंने मोबाइल बंद कर दिया और लोगों को नौकरी नहीं दी।
- क्या ठगी के शिकार लोग केवल सरकारी नौकरी के इच्छुक थे?
- हाँ, अधिकतर पीड़ित लोग सरकारी नौकरी पाने के लिए पैसे दे रहे थे और ठगों ने उनका फायदा उठाया।
- पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है?
- पुलिस ने दिलीप वर्मा, रुद्र सेन, और योगेश साहू के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
- आईबीसी 24 की रिपोर्ट ने इस मामले को कैसे उजागर किया?
- आईबीसी 24 की रिपोर्ट ने आरोपियों की तस्वीरें और उनके द्वारा किए गए अपराधों की जानकारी दी, जिससे बड़ी संख्या में पीड़ित जागरूक हुए और थानों पर जाकर शिकायत दर्ज कराई।
- क्या आरोपी अभी भी फरार हैं?
- रिपोर्ट के अनुसार, कुछ आरोपी फरार हैं और सार्वजनिक कार्यक्रमों में दिखाई दे रहे हैं, जबकि पुलिस उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है।
- इस ठगी के मामले में आगे क्या होगा?
- पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
- लोग इस तरह की ठगी से कैसे बच सकते हैं?
- लोगों को चाहिए कि वे नौकरी के प्रस्तावों की पूरी जांच-पड़ताल करें और किसी भी फर्जी दस्तावेज या अविश्वसनीय स्रोत से सावधान रहें।
- क्या इस ठगी के मामले में पीड़ितों को कोई मदद मिल रही है?
- हाँ, पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर पुलिस कार्रवाई कर रही है और मामले की जांच जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें न्याय मिलेगा।
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